जान लें आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के नियम , कहीं बाद में पछताना न पड़े

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दोस्तों आजकल आयुर्वेदिक दवाईयों ने मार्केट में अपनी अच्छी पकड़ बना ली है. इसलिए इस फील्ड में बिजनेस करने के नए -नए अवसर पैदा हो रहे हैं. 

अगर आप आयुर्वेदिक प्रोडक्ट का बिजनेस करने के लिए मेडिकल स्टोर खोलने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन आपको नहीं पता कि आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के नियम क्या है तो हमारे इस आर्टिकल को पढ़ लेने के बाद आपका यह अज्ञान पूरी तरह से खत्म हो जायेगा और आपको पछताना नहीं पड़ेगा.

तो बिना देरी किए चलिए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के लिए लाइसेंस, आयुर्वेदिक दवाइयां बेचने के कानून क्या है? 

आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के नियम

दोस्तों अब ज्यादातर लोगो को पता चल चुका है कि एलोपैथिक दवाईयां कहीं न कहीं हमारे स्वास्थ्य के हानिकारक हैं. इसलिए मार्केट में आयुर्वेदिक दवाईयों के डिमांड में जबरजस्त इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में बहुत से लोग सोच रहे हैं कि आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर कैसे खोलें , आयुर्वेदिक दवाइयां बेचने के नियम कानून क्या है?  आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के लिए लाइसेंस बनवाना पड़ता है या नहीं. 

तो दोस्तों अगर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए नियम की बात करें तो किसी भी एलोपैथिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए ड्रग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है और इसके लिए मेडिकल सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन कंप्लीट होना चाहिए. 

लेकिन आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलकर आयुर्वेदिक दवाइयां बेचने के कानून की बात करें तो अभी तक इसका कोई नियम-कानून नहीं बनाया गया है. किसी भी रिटेलर या डिस्ट्रीब्यूटर को आयुर्वेदिक दवाईयों का बिजनेस करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है. 

लेकिन वहीं अगर कोई व्यक्ति आयुर्वेदिक दवाईयों की मैन्युफैक्चरिंग करना चाहता तो इसके लिए सरकार से Ayush License लेना जरूरी है. 

दोस्तों जैसा कि अब आप जान चुके हैं कि आयुर्वेदिक मेडिकल शॉप खोलने के लिए किसी ड्रग लाइसेंस की जरूरत नहीं है लेकिन हमारा मानना है कि अगर आप एक नॉर्मल व्यक्ति और आपने मेडिकल से संबंधित पढ़ाई जैसे कि डी.फार्मा. या बी.फार्मा. किया हैं तभी आप आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के बारे में सोचें. 

दोस्तों ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अभी तो सरकार की तरफ से आयुर्वेदिक मेडिकल खोलने के लिए कोई पाबंदी या नियम कानून लागू नहीं है लेकिन भगवान न करें अगर भविष्य में कोई नियम-कानून लागू कर दिया जाता है जिसमे आयुर्वेदिक स्टोर खोलने के लिए मेडिकल की पढ़ाई अनिवार्य कर दी जाती है तो ऐसे में आपका यह बिजनेस बंद हो सकता है. 

दोस्तों ये तो रही बात आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के नियम के अंतर्गत जानकारी की कि आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए ड्रग लाइसेंस होना चाहिए या नहीं. 

आगे अब हम आपको आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी दे रहे हैं जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है – 

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी 

बिजनेस रजिस्ट्रेशन करना है जरूरी  – 

दोस्तों अलग-अलग एरिया के अनुसार बिजनेस रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है. जैसे कि ट्रेड लाइसेंस , आदि. आप अपने एरिया के लोकल अथॉरिटी नगर पालिका / ग्राम पंचायत में जाकर या कॉल करके इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सके हैं.

जीएसटी नंबर जरूर बनवाए – 

दोस्तों अगर आपके बिजनेस की सालना कमाई 20 लाख रुपए से ऊपर हो जाती है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न करने के लिए जीएसटी नंबर बनवाना होगा. अगर आप इनकम टैक्स नहीं भरेंगे तो आप पर कर (Tax) चोरी का मामला दर्ज किया जा सकता है. 

होना चाहिए प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स  – 

दोस्तों अगर आपका शॉप किराए पर हैं तो आपके पास लीज एग्रीमेंट होना चाहिए. वहीं अगर आप अपने खुद की जमीन पर मेडिकल स्टोर खोल रहे हैं तो आपके पास प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए. 

इतनी जमीन की होगी जरूरत 

दोस्तों आयुर्वेदिक मेडिकल शॉप खोलने के लिए आपके पास 150-200 स्क्वायर फीट का जगह होना चाहिए. यह जगह कम या ज्यादा भी हो सकता है जो कि आपके शॉप के साइज पर निर्भर करेगा. 

इतना करना होगा इन्वेस्टमेंट – 

दोस्तों किसी भी बिजनेस को शुरू करने में कितना खर्चा आयेगा यानी इन्वेस्टमेंट कितना करना पड़ेगा तो इसका जवाब कई चीजों पर निर्भर करता है. इसी तरह अगर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने में आने वाले खर्च की बात करें तो यह भी कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि जमीन खुद की है या नहीं , अगर नहीं हैं तो क्या किराए पर लेकर मेडिकल स्टोर शुरू करेगे या फिर जमीन खरीदने के बाद नया दुकान बनवाकर. 

अगर आपके पास खुद की जमीन है तो आपके बहुत सारे पैसे बच जायेगे वहीं अगर आप नया जमीन खरीदने के बाद इस बिजनेस की शुरुआत करेगे तो आपको कुछ ज्यादा खर्चा उठाना पड़ेगा. 

दोस्तों अगर आप छोटे लेवल पर इस बिजनेस की शुरुआत करते हैं तो आपको करीबन 3-5 लाख रु. तक का लागत जायेगा. वहीं अगर आप बड़े लेवल पर ज्यादा माल के साथ इस बिजनेस को शुरू करते हैं तो आपको 10-15 लाख रु. का लागत आयेगा. 

आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने पर मिलेगा इतना प्रॉफिट-मार्जिन 

दोस्तों जैसे की आप जानते हैं मेडिकल फील्ड से जुड़े हर बिजनेस में मोटा कमाई होता है चाहे वह मेडिसिन बेचने की बात हो या फिर किसी मरीज का उपचार करने की. अगर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर बिजनेस में मिलने वाले प्रॉफिट मार्जिन की बात करें तो आप यहां से 15-13% तक प्रॉफिट मार्जिन कमा सकते हैं. 

दोस्तों आपको बता दें कि यह प्रॉफिट मार्जिन कम या ज्यादा भी हो सकता है जो कि इस बात पर निर्भर करेगा कि आप आयुर्वेदिक मेडिसिन में किस कैटेगरी के दवाइयों को बेच रहें हैं. तथा किस कंपनी से माल मांगा रहे हैं.

अक्सर पूंछे जाने जाने वाले प्रश्न 

क्या मैं बिना लाइसेंस के आयुर्वेदिक दवा बेच सकता हूं?

जी हां, आप बिना ड्रग लाइसेंस के आयुर्वेदिक दवा बेचने का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. 

आयुर्वेदिक दवा के लिए लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?

दोस्तों आयुर्वेदिक दवा के लिए लाइसेंस की जरूरत तभी होती है जब आप इन दवाओ का मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस करना चाहते हों. इसके अलावा किसी और तरीके से आयुर्वेदिक दवा बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है. अगर आप आयुर्वेदिक  दवा मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो लाइसेंस प्राप्त करने का का कोई मतलब नहीं है. 

बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर कैसे खोलें?

दोस्तों अगर आप बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो आपको अपने पहचान में किसी ऐसे विशासनीय व्यक्ति को ढूंढना होगा , जिसमे मेडिकल की पढ़ाई की हो. आप उस व्यक्ति के नाम से ड्रग लाइसेंस बनवाकर मेडिकल स्टोर खोल सके हैं. लेकिन उस व्यक्ति को अपने मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट के तौर पर रखना होगा. 

क्या एलोपैथिक डॉक्टर आयुर्वेदिक दवा लिख ​​सकते हैं?

दोस्तों dnaindia वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक – Delhi Bhartiya Chikitsa Parishad Act 1988 के अंतर्गत कोई भी एलोपैथिक डॉक्टर आयुर्वेदिक दवा लिखकर नहीं दे सकता है. अगर ऐसा करते पाया जाता है तो उस व्यक्ति को कानूनी दंड दिया जाएगा. 

आयुर्वेदिक में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?

दोस्तों आयुर्वेद में सबसे अच्छी कंपनी के नाम इस तरह से हैं- 
1, डाबर इंडिया लिमिटेड 
2. Hamdard Laboratories.
3, Charak Pharma Pvt. Ltd..
4. हिमालया वेलनेस 
5. Baidyanath.

भारत में नंबर 1 आयुर्वेदिक कंपनी कौन सी है?

दोस्तों अगर भारत में नंबर 1 आयुर्वेदिक कंपनी की बात करें तो उसमे डाबर इंडिया लिमिटेड का नाम आता है. 

ग्रेजुएशन के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने?

BAMS कोर्स कंप्लीट करने के बाद आप आयुर्वेदिक डॉक्टर बन सकते हैं. BAMS कोर्स को करने के लिए सबसे पहले आपको NEET का एग्जाम निकालना होगा. NEET क्वालीफाई करने वाले छात्र ही आयुर्वेद की पढ़ाई कर सकते हैं. 

आयुर्वेदिक दवा का कोर्स कितने दिन का होता है?

दोस्तों आयुर्वेद डॉक्टर बनने के लिए BAMS का कोर्स करना होता हैं और इस कोर्स को करने का अवधि 5 साल का होता है. इस 5 साल में 4 साल पढ़ाई होती है और बाकी के 1 साल में इंटर्नशिप होता है. 

आयुर्वेदिक डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?

BAMS कोर्स कर लेने के बाद जब आप आयुर्वेदिक डॉक्टर बन जाएंगे तो आपकी सालाना सैलरी करीबन ₹ 3.6 लाख के आसपास होगी. अगर औसतन सैलरी की बात करें तो यह ₹ 0.3 लाख से ₹ ​​8.0 लाख के बीच होता है. जैसे-जैसे आपके काम करने का अनुभव बढ़ता जाएगा , आपकी सैलरी भी उसी स्पीड से बढ़ती जाएगा.  

आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलने के नियम – [निष्कर्ष]

दोस्तों आजकल लोग एक्सरसाइज के जगह पर योग और एलोपैथिक दवाइयों की जगह पर आयुर्वेदिक दवाईयों पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. क्योंकि एक तो इनका कोई साइडिफेक्ट नहीं होता और दूसरा ये बजट फ्रेंडली भी होते हैं. 

आपने एक चीज नोट किया होगा कि कोरोना के टाइम पर आयुर्वेदिक दवाओं का खूब प्रचार प्रचार हुआ था और अब भी हो रहा है.  इसलिए हर्बल चीजों का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है. 

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए जो जानकारी चाहिए थी वो हमने इस लेख में आपको दे दी है. अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया है तो इसे फेसबुक  या व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर शेयर करें. 

हमारे साथ यहां तक बने रहें के लिए धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏 ………….  

(आपके नए बिजनेस के लिए Earningmitra टीम की तरफ से आपको ढेर सारी शुभकामनाएं  👍👍👍👍)

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